भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तारा सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(→तारा सिंह की रचनाएँ) |
|||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
|जन्मस्थान=भारत | |जन्मस्थान=भारत | ||
|कृतियाँ=एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर ,अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख ,यह जीवन प्रातः समीरण सा लघु हॅ प्रिये, तम कीधार पर डोलती जगती की नॉका | |कृतियाँ=एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर ,अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख ,यह जीवन प्रातः समीरण सा लघु हॅ प्रिये, तम कीधार पर डोलती जगती की नॉका | ||
− | |विविध= | + | |विविध=फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत |
+ | सहयोगी काव्य - संकलन प्रकाशित -- २० | ||
+ | जीवन वृत् प्रकाशित-- एफ्रो एशियन हूज हू खंड १ एवं | ||
+ | एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित | ||
|जीवनी=[[तारा सिंह / परिचय]] | |जीवनी=[[तारा सिंह / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
* [[आ रहा है गाँधी फिर से / तारा सिंह]] | * [[आ रहा है गाँधी फिर से / तारा सिंह]] |
07:04, 26 दिसम्बर 2006 का अवतरण
तारा सिंह की रचनाएँ
तारा सिंह
जन्म | 10 अक्तूबर 1952 |
---|---|
जन्म स्थान | भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर ,अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख ,यह जीवन प्रातः समीरण सा लघु हॅ प्रिये, तम कीधार पर डोलती जगती की नॉका | |
विविध | |
फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत
सहयोगी काव्य - संकलन प्रकाशित -- २० जीवन वृत् प्रकाशित-- एफ्रो एशियन हूज हू खंड १ एवं एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित | |
जीवन परिचय | |
तारा सिंह / परिचय |