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"नहीं है जो / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
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स्त्री की
दुनिया में
सब कुछ है
घर-परिवार
नाते-रिश्ते
समाज-संसार
बस नहीं है
वह खुद...।