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"मैं और तुम / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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19:50, 24 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

जेठ की
चिलचिलाती धूप में
नंगे सिर थी मैं

और
हवा पर सवार
बादल की छाँह से तुम
भागते रहे निरन्तर

तुम्हारे ठहरने की उम्मीद में
मैं भी भागती रही
तुम्हारे पीछे

और पिछड़ती रही
हर बार...।