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"तुम्हारा होना / मनीषा पांडेय" के अवतरणों में अंतर
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जैसे झील के पानी पर | जैसे झील के पानी पर | ||
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एशियाटिक की सुनसान सड़क से गुजरते | एशियाटिक की सुनसान सड़क से गुजरते | ||
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जल्दबाजी में लिया गया एक चुंबन हो | जल्दबाजी में लिया गया एक चुंबन हो | ||
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जैसे प्यार करने के लिए हो तुम्हारी हड़बड़ी, बेचैनी... | जैसे प्यार करने के लिए हो तुम्हारी हड़बड़ी, बेचैनी... | ||
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20:45, 26 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
तुम्हारा होना मेरी ज़िंदगी में ऐसे है,
जैसे झील के पानी पर
ढेरों कमल खिले हों,
जैसे बर्फ़बारी के बाद की पहली धूप हो,
बाद पतझड़ के
बारिश की नई फुहारें हों जैसे
जैसे भीड़ में मुझे कसकर थामे हो एक हथेली
एशियाटिक की सुनसान सड़क से गुजरते
जल्दबाजी में लिया गया एक चुंबन हो
जैसे प्यार करने के लिए हो तुम्हारी हड़बड़ी, बेचैनी...