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पुरानी यादें-4 / मनीषा पांडेय
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15:19, 26 जनवरी 2010
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|रचनाकार=मनीषा पांडेय
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पुरानी यादें
ठहरे हुए पानी की तरह
सड़ती हैं
अटकती हैं साँस रात भर
रातें गुज़रती हैं मुश्किल से
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अनिल जनविजय
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