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"प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ-3 / मनीषा पांडेय" के अवतरणों में अंतर

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प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
 
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
 
 
अब लड़की नहीं रही
 
अब लड़की नहीं रही
 
 
न नदी, न पतंग, न आबशार....
 
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प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
 
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
 
 
अकेली थीं
 
अकेली थीं
 
 
अपने घरों, शहरों, मुहल्‍लों में
 
अपने घरों, शहरों, मुहल्‍लों में
 
 
वो और अकेली होती गईं
 
वो और अकेली होती गईं
 
 
माँ-पिता-भाई सब जीते
 
माँ-पिता-भाई सब जीते
 
 
प्‍यार मे डूबी हुई लड़कियों से
 
प्‍यार मे डूबी हुई लड़कियों से
 
 
लड़कियाँ अकेली थीं,
 
लड़कियाँ अकेली थीं,
 
 
और वे बहुत सारे....
 
और वे बहुत सारे....
 
 
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
 
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
 
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अब माँएँ हैं ख़ुद
अब मांएं हैं ख़ुद
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प्‍यार में डूबी हुई लड़कियों की
 
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियों की
 
 
और डरती हैं
 
और डरती हैं
 
 
अपनी बेटी के प्‍यार में डूब जाने से
 
अपनी बेटी के प्‍यार में डूब जाने से
 
 
उसके आबशार हो जाने से...
 
उसके आबशार हो जाने से...
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20:54, 26 जनवरी 2010 का अवतरण

प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
अब लड़की नहीं रही
न नदी, न पतंग, न आबशार....

प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
अकेली थीं
अपने घरों, शहरों, मुहल्‍लों में
वो और अकेली होती गईं
माँ-पिता-भाई सब जीते
प्‍यार मे डूबी हुई लड़कियों से
लड़कियाँ अकेली थीं,
और वे बहुत सारे....
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियाँ
अब माँएँ हैं ख़ुद
प्‍यार में डूबी हुई लड़कियों की
और डरती हैं
अपनी बेटी के प्‍यार में डूब जाने से
उसके आबशार हो जाने से...