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"दूसरी जगह में / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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हवा को ख़बर नहीं,
 
हवा को ख़बर नहीं,
 
मैं चुपचाप रोता हूँ-
 
मैं चुपचाप रोता हूँ-
कविता में, दूसरी जगह में ।
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कविता में,
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दूसरी जगह में ।
 
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22:01, 26 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

धरती को परवाह नहीं,
आकाश को पता नहीं,
हवा को ख़बर नहीं,
मैं चुपचाप रोता हूँ-
कविता में,
दूसरी जगह में ।