"बहुत गुमनामों में शामिल एक नाम अपना भी है / अमित" के अवतरणों में अंतर
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गौर करने के लिये भी कुछ न कुछ मिल जायेगा | गौर करने के लिये भी कुछ न कुछ मिल जायेगा | ||
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मेहरबाँ<ref>दयालु</ref> भी हैं बहुत और कद्रदाँ<ref>गुणग्राहक</ref> भी हैं बहुत | मेहरबाँ<ref>दयालु</ref> भी हैं बहुत और कद्रदाँ<ref>गुणग्राहक</ref> भी हैं बहुत |
21:04, 28 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
बहुत गुमनामों में शामिल एक नाम अपना भी है
इल्मे-नाकामी<ref>असफलता की विद्या</ref> में हासिल इक मक़ाम<ref>स्थान</ref> अपना भी है
गौर करने के लिये भी कुछ न कुछ मिल जायेगा
हाले-दिल पर हक़ के बातिल<ref>सच या झूठ</ref> इक कलाम<ref>वाणी या वचन</ref> अपना भी है
मेहरबाँ<ref>दयालु</ref> भी हैं बहुत और कद्रदाँ<ref>गुणग्राहक</ref> भी हैं बहुत
हो कभी ज़र्रानवाज़ी<ref>दीनदयालुता</ref> इन्तेजाम अपना भी है
कब हुज़ूरे-वक़्त को फ़ुरसत मिलेगी देखिये
मुश्त-ए-दरबान<ref>दरबान की मुट्ठी</ref> तक पहुँचा सलाम अपना भी है
चलिये मैं भी साथ चलता हूँ सफ़र कट जायेगा
आप की तक़रीर<ref>भाषण या उपदेश</ref> के पहले पयाम<ref>संदेश</ref> अपना भी है
इक परिन्दे की तरह बस आबो-दाने<ref>अन्न-जल</ref> की तलाश
जिन्दगी का यह तरीका सुबहो-शाम अपना भी है
घर की चौखट तक मेरा ही हुक़्म चलता है ’अमित’
मिल्कीयत<ref>जायेदाद</ref> छोटी सही लेकिन निज़ाम<ref>शासनव्यवस्था या प्रबन्धतन्त्र</ref> अपना भी है