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"पिता-2 / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
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22:13, 1 फ़रवरी 2010 का अवतरण
चट्टान की तरह
दिखते थे
मेरे पिता...
उस चट्टान की
किसी परत में
नम सोता भी था
जो उनके शरीर से
पसीने के रूप में
बहा करता था
और
आज मेरी आँखों से
रिसता है...।