भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वार्ता:पंजाबी लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 +
 +
  
 
न करिये माण वतानां दा  
 
न करिये माण वतानां दा  
पंक्ति 16: पंक्ति 18:
  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 +
  
 
अधी राती दुपट्टा रंगया
 
अधी राती दुपट्टा रंगया
पंक्ति 26: पंक्ति 29:
  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 +
  
 
अधी राती पकन केले  
 
अधी राती पकन केले  
पंक्ति 48: पंक्ति 52:
  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 
मिलन होसी के न होसी,  
 +
  
 
अधी राती चमकण तारे  
 
अधी राती चमकण तारे  

05:36, 2 फ़रवरी 2010 का अवतरण

पंजाबी लोकगीत

[[तू सच सच आख वे जोगी,

सजन मिलसी के न मिलसी.,

मिलन होसी के न होसी,


न करिये माण वतानां दा

असीं हाँ लाल परदेसी

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती दुपट्टा रंगया

न माही आया न किली टंगया

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती पकन केले

विच्छ्डयाँ नूं रब आप सेले

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती पकन आडू

वगण नदियाँ तरण तारु

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती चमकण तारे

जुदाई वाले तीर सानुं किस मारे

न तुसां मारे न असां मारे

मारण वाला प्रभु आप जाणे

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,]]