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"प्रिय गान नहीं गा सका तो / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
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यदि मैं तुम्हारे प्रिय गान नहीं गा सका तो | यदि मैं तुम्हारे प्रिय गान नहीं गा सका तो | ||
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मुझे तुम एक दिन छोड़ चले जाओगे | मुझे तुम एक दिन छोड़ चले जाओगे | ||
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एक बात जानता हूँ मैं कि तुम आदमी हो | एक बात जानता हूँ मैं कि तुम आदमी हो | ||
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जैसे हूँ मैं जो कुछ हूँ तुम वैसे वही हो | जैसे हूँ मैं जो कुछ हूँ तुम वैसे वही हो | ||
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अन्तर है तो भी बड़ी एकता है | अन्तर है तो भी बड़ी एकता है | ||
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मन यह वह दोनों देखता है | मन यह वह दोनों देखता है | ||
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भूख प्यास से जो कभी कही कष्ट पाओगे | भूख प्यास से जो कभी कही कष्ट पाओगे | ||
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तो अपने से आदमी को ढूंढ़ सुना आओगे | तो अपने से आदमी को ढूंढ़ सुना आओगे | ||
प्यार का प्रवाह जब किसी दिन आता है | प्यार का प्रवाह जब किसी दिन आता है | ||
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आदमी समूह में अकेला अकुलाता है | आदमी समूह में अकेला अकुलाता है | ||
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किसी को रहस्य सौंप देता है | किसी को रहस्य सौंप देता है | ||
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उसका रहस्य आप लेता है | उसका रहस्य आप लेता है | ||
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ऎसे क्षण प्यार की ही चर्चा करोगे और | ऎसे क्षण प्यार की ही चर्चा करोगे और | ||
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::अर्चा करोगे और सुनोगे सुनाओगे | ::अर्चा करोगे और सुनोगे सुनाओगे | ||
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विघ्न से विरोध से कदापि नहीं भागोगे | विघ्न से विरोध से कदापि नहीं भागोगे | ||
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विजय के लिए सुख-सेज तुम त्यागोगे | विजय के लिए सुख-सेज तुम त्यागोगे | ||
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क्योंकि नाड़ियों में वही रक्त है | क्योंकि नाड़ियों में वही रक्त है | ||
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जो सदैव जीवनानुरक्त है | जो सदैव जीवनानुरक्त है | ||
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तुमको जिजीविषा उठाएगी, चलाएगी, | तुमको जिजीविषा उठाएगी, चलाएगी, | ||
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बढ़ाएगी उसी का गुन गाओगे, गवाओगे | बढ़ाएगी उसी का गुन गाओगे, गवाओगे | ||
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01:35, 3 फ़रवरी 2010 का अवतरण
यदि मैं तुम्हारे प्रिय गान नहीं गा सका तो
मुझे तुम एक दिन छोड़ चले जाओगे
एक बात जानता हूँ मैं कि तुम आदमी हो
जैसे हूँ मैं जो कुछ हूँ तुम वैसे वही हो
अन्तर है तो भी बड़ी एकता है
मन यह वह दोनों देखता है
भूख प्यास से जो कभी कही कष्ट पाओगे
तो अपने से आदमी को ढूंढ़ सुना आओगे
प्यार का प्रवाह जब किसी दिन आता है
आदमी समूह में अकेला अकुलाता है
किसी को रहस्य सौंप देता है
उसका रहस्य आप लेता है
ऎसे क्षण प्यार की ही चर्चा करोगे और
अर्चा करोगे और सुनोगे सुनाओगे
विघ्न से विरोध से कदापि नहीं भागोगे
विजय के लिए सुख-सेज तुम त्यागोगे
क्योंकि नाड़ियों में वही रक्त है
जो सदैव जीवनानुरक्त है
तुमको जिजीविषा उठाएगी, चलाएगी,
बढ़ाएगी उसी का गुन गाओगे, गवाओगे