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"पाप-पुण्य / राजेश जोशी" के अवतरणों में अंतर

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'''पाप और पुण्य'''
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० मई १९९०
 
० मई १९९०

21:48, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

कहा जाता है<br\> कि जीवन भर पुण्य करने पर ही<br\> मिलता है स्वर्ग<br\> और स्वर्ग में तो<br\> पाप करने का सवाल ही नहीं

इस तरह पाप के सुख से<br\> वंचित रह जाता है<br\> स्वर्ग का आदमी.

० मई १९९०