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"कृश्न कुमार 'तूर' / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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11 अक्तूबर 1933 को जन्मे जनाब-ए-'''कृश्न कुमार 'तूर'''' साहब ने उर्दू , अँग्रेज़ी और इतिहास जैसे तीन विषयों में एम.ए. किया है.आपने Journalism में डिप्लोमा भी किया है.आप हिमाचल प्रदेश के टूरिज़म विभाग में उच्च अधिकारी रह चुके हैं.
 
11 अक्तूबर 1933 को जन्मे जनाब-ए-'''कृश्न कुमार 'तूर'''' साहब ने उर्दू , अँग्रेज़ी और इतिहास जैसे तीन विषयों में एम.ए. किया है.आपने Journalism में डिप्लोमा भी किया है.आप हिमाचल प्रदेश के टूरिज़म विभाग में उच्च अधिकारी रह चुके हैं.
 
आपका का क़लाम उर्दू जगत में प्रकाशित होने वाली लगभग सभी पत्रिकाओं में बड़े आदर से छपता है.भारत में आयोजित तमाम कुल-हिन्द और हिन्द-पाक मुशायरों में इन्हें बड़े अदब से सुना जाता है.
 
आपका का क़लाम उर्दू जगत में प्रकाशित होने वाली लगभग सभी पत्रिकाओं में बड़े आदर से छपता है.भारत में आयोजित तमाम कुल-हिन्द और हिन्द-पाक मुशायरों में इन्हें बड़े अदब से सुना जाता है.

22:34, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

11 अक्तूबर 1933 को जन्मे जनाब-ए-कृश्न कुमार 'तूर' साहब ने उर्दू , अँग्रेज़ी और इतिहास जैसे तीन विषयों में एम.ए. किया है.आपने Journalism में डिप्लोमा भी किया है.आप हिमाचल प्रदेश के टूरिज़म विभाग में उच्च अधिकारी रह चुके हैं. आपका का क़लाम उर्दू जगत में प्रकाशित होने वाली लगभग सभी पत्रिकाओं में बड़े आदर से छपता है.भारत में आयोजित तमाम कुल-हिन्द और हिन्द-पाक मुशायरों में इन्हें बड़े अदब से सुना जाता है.

इनकी प्रसिद्ध किताबें हैं : आलम ऐन ; मुश्क-मुनव्वर; शेर शगुफ़्त ; रफ़्ता रम्ज़ ; सरनामा-ए-गुमाँ नज़री . 'तूर' साहब अर्से से उर्दू में प्रकाशित सर सब्ज़ पत्रिका के सम्पादक हैं. सम्पर्क:134—E,Khaniyara Road, Dharmshala—176215 (Himachal Pradesh)