भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"श्री महालक्ष्मी अष्टकम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते ! संख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्म...)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !
+
{{KKGlobal}}नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !
  
संख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
+
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
नमस्तेतु गरुड़ आरुडे कोला सुरभायांकरी !
+
नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी !
  
 
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
 
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
सर्वग्ये सर्ववार्दे सर्वादुस्ताभायांकरी !
+
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी !
  
 
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
 
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
सिद्धि बुद्धि देवी भक्ति मुक्ति प्रयादायानी !
+
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी !
  
मंत्र मुरते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
+
मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
आद्यांराहिते देवी आद्या शक्ति महेश्वरी!
+
आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी !
  
योग्जे योग्संभुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
+
योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
स्थूल सुक्षम महारोद्रे महाशक्ति महोदारे!
+
स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे !
  
 
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
 
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
पद्मासंस्तिथे देवी परब्रह्म स्वरूपिणी!
+
पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी !
  
 
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
 
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
  
  
श्वेताम्भारे देवी नानालान्कार भुसिते !
+
श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते !
  
जगात्स्तिथे जगंमात्महलाक्ष्मी नमोस्तुते!!
+
जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
  
  
महा लक्ष्मी अस्ताकम स्तोत्रं य : पठेथ भक्तिमान्नार:!
+
महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:!
  
सर्वसिद्धिम्वाप्नोती राज्य मानोती सर्वदा !!
+
सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !!
  
  
एक कालम पठेनित्यम महापापविनाषम !
+
एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम !
  
 
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!
 
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!
पंक्ति 51: पंक्ति 51:
 
त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !
 
त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !
  
महालक्ष्मी भावेनित्यम प्रशंन्ना वरदा सुभम!!
+
महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !!

22:39, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !

शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी !

सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी !

सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी !

मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी !

योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे !

महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी !

परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!


श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते !

जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!


महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:!

सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !!


एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम !

द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!


त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !

महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !!