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"[[इस क्षण / ओम प्रभाकर]]" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))
:याद तुम्हारी,
:अपना बोध।
:कहीं अतल मेम में जा डूबे हैं
:सारे शोध।
जमकर पत्थर है हर पल।
</poem>