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"मैं बनी मधुमास आली! / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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मैं बनी मधुमास आली!
 
मैं बनी मधुमास आली!
 
  
 
आज मधुर विषाद की घिर करुण आई यामिनी,
 
आज मधुर विषाद की घिर करुण आई यामिनी,
 
 
बरस सुधि के इन्दु से छिटकी पुलक की चाँदनी
 
बरस सुधि के इन्दु से छिटकी पुलक की चाँदनी
 
 
उमड़ आई री, दृगों में  
 
उमड़ आई री, दृगों में  
 
 
सजनि, कालिन्दी निराली!
 
सजनि, कालिन्दी निराली!
 
 
  
 
रजत स्वप्नों में उदित अपलक विरल तारावली,
 
रजत स्वप्नों में उदित अपलक विरल तारावली,
 
 
जाग सुक-पिक ने अचानक मदिर पंचम तान लीं;
 
जाग सुक-पिक ने अचानक मदिर पंचम तान लीं;
 
 
बह चली निश्वास की मृदु
 
बह चली निश्वास की मृदु
 
 
वात मलय-निकुंज-वाली!
 
वात मलय-निकुंज-वाली!
 
  
 
सजल रोमों में बिछे है पाँवड़े मधुस्नात से,
 
सजल रोमों में बिछे है पाँवड़े मधुस्नात से,
 
 
आज जीवन के निमिष भी दूत है अज्ञात से;
 
आज जीवन के निमिष भी दूत है अज्ञात से;
 
 
क्या न अब प्रिय की बजेगी
 
क्या न अब प्रिय की बजेगी
 
 
मुरलिका मधुराग वाली?
 
मुरलिका मधुराग वाली?
 
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मैं बनी मधुमास आली!
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14:40, 4 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

मैं बनी मधुमास आली!

आज मधुर विषाद की घिर करुण आई यामिनी,
बरस सुधि के इन्दु से छिटकी पुलक की चाँदनी
उमड़ आई री, दृगों में
सजनि, कालिन्दी निराली!

रजत स्वप्नों में उदित अपलक विरल तारावली,
जाग सुक-पिक ने अचानक मदिर पंचम तान लीं;
बह चली निश्वास की मृदु
वात मलय-निकुंज-वाली!

सजल रोमों में बिछे है पाँवड़े मधुस्नात से,
आज जीवन के निमिष भी दूत है अज्ञात से;
क्या न अब प्रिय की बजेगी
मुरलिका मधुराग वाली?