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"शब्द-शब्द अनमोल परिंदे / रवीन्द्र प्रभात" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: शब्द-शब्द अनमोल परिंदे ! सुन्दर बोली बोल परिंदे !! जीवन -जीवन भूलभु…)
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18:13, 4 फ़रवरी 2010 का अवतरण

शब्द-शब्द अनमोल परिंदे ! सुन्दर बोली बोल परिंदे !!

जीवन -जीवन भूलभुलैया - दुनिया गोलम- गोल परिंदे !!

छोटा मुँह मत बात बड़ी कर - खुल जायेगी पोल परिंदे !!

शीशे के घर में रहकर ना - पत्थर -पत्थर तोल परिंदे !!

बन्दर के हाथों में मत दे - झाल -मजीरा -ढोल परिंदे !!

कुछ मन की मर्यादा रख ले - आंखों को मत घोल परिंदे !!

कुछ "प्रभात " के जैसा रच दे - अंतर -पट अब खोल परिंदे !!