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"यहाँ नही कुछ खास हमारे पास मियाँ / रवीन्द्र प्रभात" के अवतरणों में अंतर
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यहाँ नही कुछ खास हमारे पास मियाँ ! | यहाँ नही कुछ खास हमारे पास मियाँ ! | ||
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मन में बस विश्वास हमारे पास मियाँ ! | मन में बस विश्वास हमारे पास मियाँ ! | ||
फटी लंगोटी, झोपड़पट्टी है लेकिन - | फटी लंगोटी, झोपड़पट्टी है लेकिन - | ||
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जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ ! | जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ ! | ||
एटम - बम का खौफ दिखाते हो लेकिन - | एटम - बम का खौफ दिखाते हो लेकिन - | ||
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पृथ्वी , अग्नि, आकाश हमारे पास मियाँ ! | पृथ्वी , अग्नि, आकाश हमारे पास मियाँ ! | ||
पेरिस की हर शाम मुबारक हो तुमको - | पेरिस की हर शाम मुबारक हो तुमको - | ||
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आस-पास मधुमास हमारे पास मियाँ ! | आस-पास मधुमास हमारे पास मियाँ ! | ||
घर की मर्यादा खातिर हम सह जाते - | घर की मर्यादा खातिर हम सह जाते - | ||
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होता जब बनवास हमारे पास मियाँ ! | होता जब बनवास हमारे पास मियाँ ! | ||
मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी - | मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी - | ||
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विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ ! | विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ ! | ||
− | कुछ कविता, | + | कुछ कविता, कुछ गीत,ग़ज़ल के लिए"प्रभात" |
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हर दिन है अवकाश हमारे पास मियाँ ! | हर दिन है अवकाश हमारे पास मियाँ ! | ||
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17:35, 5 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
यहाँ नही कुछ खास हमारे पास मियाँ !
मन में बस विश्वास हमारे पास मियाँ !
फटी लंगोटी, झोपड़पट्टी है लेकिन -
जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ !
एटम - बम का खौफ दिखाते हो लेकिन -
पृथ्वी , अग्नि, आकाश हमारे पास मियाँ !
पेरिस की हर शाम मुबारक हो तुमको -
आस-पास मधुमास हमारे पास मियाँ !
घर की मर्यादा खातिर हम सह जाते -
होता जब बनवास हमारे पास मियाँ !
मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी -
विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ !
कुछ कविता, कुछ गीत,ग़ज़ल के लिए"प्रभात"
हर दिन है अवकाश हमारे पास मियाँ !