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"हम फकीरों की गली में झांकिए / रवीन्द्र प्रभात" के अवतरणों में अंतर

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हम फकीरों की गली में झांकिए !
 
हम फकीरों की गली में झांकिए !
 
 
सच-बयानी को बुरा मत मानिए !!
 
सच-बयानी को बुरा मत मानिए !!
  
  
 
फक्र है खुद की जवानी पर यदि -
 
फक्र है खुद की जवानी पर यदि -
 
 
तो बुढापे का भरम भी जानिए !!
 
तो बुढापे का भरम भी जानिए !!
  
  
 
जर्फ़ हो तो सर झुकाने की जगह -
 
जर्फ़ हो तो सर झुकाने की जगह -
 
 
सर झुके जितना झुकाना चाहिए !!
 
सर झुके जितना झुकाना चाहिए !!
  
  
 
सुर्ख़ियों में आज तो मदहोश हो -
 
सुर्ख़ियों में आज तो मदहोश हो -
 
 
होश आएंगे मिलेंगे जब हाशिये !!
 
होश आएंगे मिलेंगे जब हाशिये !!
  
  
 
आपकी हर बात अच्छी है मियाँ -
 
आपकी हर बात अच्छी है मियाँ -
 
 
पर मेरे कश्मीर को मत मांगिए !!  
 
पर मेरे कश्मीर को मत मांगिए !!  
  
  
बक्त कहता है यही अब " प्रभात"
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बक्त कहता है यही अब "प्रभात"
 
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आस्तीं में सांप मत अब पालिए !!  
 
आस्तीं में सांप मत अब पालिए !!  
 
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17:37, 5 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

हम फकीरों की गली में झांकिए !
सच-बयानी को बुरा मत मानिए !!


फक्र है खुद की जवानी पर यदि -
तो बुढापे का भरम भी जानिए !!


जर्फ़ हो तो सर झुकाने की जगह -
सर झुके जितना झुकाना चाहिए !!


सुर्ख़ियों में आज तो मदहोश हो -
होश आएंगे मिलेंगे जब हाशिये !!


आपकी हर बात अच्छी है मियाँ -
पर मेरे कश्मीर को मत मांगिए !!


बक्त कहता है यही अब ऐ "प्रभात"
आस्तीं में सांप मत अब पालिए !!