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"अपनी दीवानगी को गंवाना फ़िज़ूल / रवीन्द्र प्रभात" के अवतरणों में अंतर

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19:19, 5 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

अपनी दीवानगी को गंवाना फ़िज़ूल ,
जुगनुओं रोशनी में नहाना फिजूल ।

किस्त में खुदकुशी इश्क का है चलन ,
इश्क दरिया है पर डूब जाना फ़िज़ूल ।

चांदनी रात में चांद के सामने यूँ -
आपका इसकदर रूठ जाना फ़िज़ूल ।

शर्त है प्यार में प्यार की बात हो ,
प्यार को बेवजह आजमाना फ़िज़ूल ।

लफ्ज़ को बिन तटोले हुये ये'प्रभात'
बज़्म में कोई भी गीत गाना फ़िज़ूल ।