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"फिर भी / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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'''फिर भी'''
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मैंने देखा साथियों को
 
हत्यारों की जै मनाते
 
हत्यारों की जै मनाते
  
मेरा घर नीलाम हुआ<br />
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मेरा घर नीलाम हुआ
 
और डाक बोलने आये अपने ही दोस्त
 
और डाक बोलने आये अपने ही दोस्त
  
पहले जितना खुश तो नहीं हूँ मैं<br />
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पहले जितना खुश तो नहीं हूँ मैं
न हथेलियों में गर्म जोशी<br />
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न ही आदमी में पहले सा भरोसा<br />
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न ही आदमी में पहले सा भरोसा
उतनी उम्मीद भी नहीं है अब<br />
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हरापन भी पक कर स्याह पड़ गया है
 
हरापन भी पक कर स्याह पड़ गया है
  
फिर भी मैं जानता हूँ कि अभी-अभी<br />
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फिर भी मैं जानता हूँ कि अभी-अभी
मारकोस मनीला से भागा<br />
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मारकोस मनीला से भागा
जहाँ तोप के मुँह में मुँह लगाये खड़ा<br />
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जहाँ तोप के मुँह में मुँह लगाए खड़ा
पन्द्रह साल का एक लड़का<br />
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जानता तो हूँ कि बेबी डॉक<br />
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जल्दी-जल्दी जाँघिया पहनता<br />
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हवाई पट्टी पर दौड़ा<br />
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उम्मीद है कि जनरल डायर जिन्दा नहीं बचेगा<br />
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अभी भी जलियाँवाला बाग में<br />
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अभी भी जलियाँवाला बाग में
अपने पति की लाश अगोरती बैठी है वो औरत<br />
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अपने पति की लाश अगोरती बैठी है वो औरत
 
कि लोग सुबह तक आएँगे ज़रूर
 
कि लोग सुबह तक आएँगे ज़रूर
  
नये दोस्त बनेंगे<br />
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नयी भित्ती उठेगी<br />
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कल एक होंगे
 
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पत्थर की नाभि में अभी भी कहीं<br />
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मुझे उम्मीद है फिर भी......
 
मुझे उम्मीद है फिर भी......
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23:26, 6 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

मैंने देखा साथियों को
हत्यारों की जै मनाते

मेरा घर नीलाम हुआ
और डाक बोलने आये अपने ही दोस्त

पहले जितना खुश तो नहीं हूँ मैं
न हथेलियों में गर्म जोशी
न ही आदमी में पहले सा भरोसा
उतनी उम्मीद भी नहीं है अब
हरापन भी पक कर स्याह पड़ गया है

फिर भी मैं जानता हूँ कि अभी-अभी
मारकोस मनीला से भागा
जहाँ तोप के मुँह में मुँह लगाए खड़ा
पन्द्रह साल का एक लड़का
व्हिसिल बजाता
जानता तो हूँ कि बेबी डॉक
जल्दी-जल्दी जाँघिया पहनता
हवाई पट्टी पर दौड़ा
हाइती से बाहर
और जिन औरतों ने चौखट के पार कभी
पाँव नहीं डाला
उन्होंने घेर ली देश की संसद अचानक
इसलिए उम्मीद है कि मेरा घर
मुझे मिलेगा वापस
उम्मीद है कि जनरल डायर ज़िन्दा नहीं बचेगा
अभी भी जलियाँवाला बाग में
अपने पति की लाश अगोरती बैठी है वो औरत
कि लोग सुबह तक आएँगे ज़रूर

नये दोस्त बनेंगे
नयी भित्ती उठेगी
जो आज अलग है
कल एक होंगे

पत्थर की नाभि में अभी भी कहीं
ज़िन्दा है हरा रंग-
मुझे उम्मीद है फिर भी......