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सदस्य वार्ता:Dkspoet

3,364 bytes added, 02:30, 13 फ़रवरी 2010
aroma 02:29, 13 फरवरी 2010 (UTC)आशा है आप स्वस्थ व प्रसन्न होंगे।  '''होंग--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] ०६:२३, १४ दिसम्बर २००९ (UTC)'''
== री-अपलोड ==
चित्रों के नये वर्ज़न को अपलोड करने (यानि री-अपलोड करने) का अधिकार भी कविता कोश में केवल कुछ योगदानकर्ताओं को ही दिया गया है। जब कभी भी आपको री-अपलोड करने की ज़रूरत पड़े तो मुझे लिखियेगा। मैं आपको यह अधिकार देने में सक्षम हूँ। अधिकार मिल जाने के बाद आपको बस इतना करना है कि जिस नाम से चित्र पहले से मौजूद है '''बिल्कुल उसी नाम''' का नया वर्ज़न अपलोड करें। सिस्टम आपसे कहेगा कि इस नाम से एक फ़ाइल पहले ही अपलोड की जा चुकी है -क्या क्या इस फ़ाइल का नया वर्ज़न अपलोड करना चाहते हैं? आपको हाँ कहना है और नया वर्ज़न अपलोड हो जाएगा।  '''--[[अपलो````सदस्य:सम्यक|सम्यक]] १२:०६, १४ दिसम्बर २००९ (UTC)'''
== चित्रों के नाम... ==
'''--aroma 02:30, 13 फरवरी 2010 (UTC)[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] ०६:४३, २४ दिसम्बर २००९ (UTC)'''
धर्मेन्द्र जी!
सादर
--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] 09:05, 2 जनवरी 2010 (UTC)
 
== KKGlobal ==
 
प्रिय धर्मेंन्द्र,
 
आपने KKGlobal में जो बदलाव किया है वह ठीक है। लेकिन कृपया KKGlobal या उसमें इस्तेमाल की गयी अन्य टेम्प्लेट्स को ऐसी छोटी बातों के लिये ना बदलें। आपने ऐसा किया क्योंकि आपको जानकारी नहीं थी कि जब भी किसी टेम्प्लेट में बदलाव किया जाता है तो सर्वर उन सभी पन्नों को एक-एक करके बदलता है जिनमें वह टेम्प्लेट प्रयोग की गयी है। इसलिये अगर KKParichay में कोई बदलाव होगा तो तकरीबन 1100 पन्नें बदलें जाएंगे और यदि KKGlobal या उससे जड़ी कोई भी टेम्प्लेट बदली जाती है तो (इस समय) 26,000 से ज़्यादा पन्नों में बदलाव होंगे। इससे सर्वर पर फ़िज़ूल भार पड़ता है। 26,000 पन्नों को बदलने में सर्वर 10 से 20 घंटे का समय लेता है। KKGlobal एक अति महत्वपूर्ण टेम्प्लेट है। इसमें बदलाव बहुत सोच-समझ कर किये जाने चाहिये।
 
कई बार मुझे इन टेम्प्लेट्स में फ़िज़ूल या बहुत छोटे बदलाव Save करने के लिये मजबूर होना पड़ता है क्योंकि उस समय मैं कोई experiment कर रहा होता हूँ और कई बार ऐसा होता है कि बिना Save किये उस प्रयोग के नतीज़े नहीं दिखाई देते। अन्यथा मैं किसी भी पन्नें को केवल तब Save करता हूँ जब मैं उसमें वो सभी बदलाव एक साथ कर लूं जो मैं करना चाहता हूँ।
 
आशा है यह जानकारी लाभदायक सिद्ध हो्गी।
 
'''--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] 07:22, 4 जनवरी 2010 (UTC)'''
 
ओह्ह मुझे लगा कि त्रुटि है दीख तो वर्तनी अशुद्धि में आएगा, दीख नहीं होता है दिख होता है
मगर आपने किताब में देखा है तो ज़रूर सही होगा
शुक्रिया आपने इसे फिर से ठीक कर दिया
सादर
श्रद्धा --[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] 14:31, 4 जनवरी 2010 (UTC)
`aroma
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