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"लाला क्यों है लाला / पुरुषोत्तम प्रतीक" के अवतरणों में अंतर
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कोर्ट-कचहरी अस्पताल या जितने भी दफ़्तर हैं | कोर्ट-कचहरी अस्पताल या जितने भी दफ़्तर हैं | ||
इसको सब गिरजा, गुरुद्वारे, मस्जिद हैं, मन्दिर हैं | इसको सब गिरजा, गुरुद्वारे, मस्जिद हैं, मन्दिर हैं | ||
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'''रचनाकाल''' : 24 अक्तूबर 1978 | '''रचनाकाल''' : 24 अक्तूबर 1978 | ||
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02:46, 14 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
सुनो साथियो तुम्हें बताएँ लाला क्यों है लाला
इसने ही ईजाद किया था
सबसे पहले ताला
सुखा दिया इसने सारा अपने मन का पानी
खरे दाम में बेचा करता अपनी बेईमानी
ताले में जो बन्द पड़ा है
धन है सारा काला
रोटी देकर ख़ून चूसना इसका दया-धरम है
परदेशों को देश बेचने में भी नहीं शरम है
रहा सदा भारी पलड़े में
ये सरकारी साला
कोर्ट-कचहरी अस्पताल या जितने भी दफ़्तर हैं
इसको सब गिरजा, गुरुद्वारे, मस्जिद हैं, मन्दिर हैं
जगह-जगह पर बैठे इसके
ईश्वर अल्ला ताला
रचनाकाल : 24 अक्तूबर 1978