भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
− | आदतन तुम ने कर | + | आदतन तुम ने कर दिये वादे <br> |
− | आदतन हम ने ऐतबार | + | आदतन हम ने ऐतबार किया |
तेरी राहों में हर बार रुक कर <br> | तेरी राहों में हर बार रुक कर <br> | ||
− | हम ने अपना ही इन्तज़ार | + | हम ने अपना ही इन्तज़ार किया |
− | अब ना माँगेंगे | + | अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब <br> |
− | ये गुनाह हम ने एक बार | + | ये गुनाह हम ने एक बार किया |
10:32, 14 फ़रवरी 2010 का अवतरण
आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया