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"शाम से आँख में नमी सी है / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
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10:35, 14 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
दफ़्न कर दो हमें कि साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तस्लीम लाज़मी सी है