भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बहुत कठिन है डगर पनघट की / अमीर खुसरो" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
 
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
 
ज़रा बोलो निज़ाम पिया।
 
ज़रा बोलो निज़ाम पिया।
पनिया भरन को मैं जो गइ थी।
+
पनिया भरन को मैं जो गई थी।
 
दौड़ झपट  मोरी मटकी पटकी।
 
दौड़ झपट  मोरी मटकी पटकी।
 
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
 
बहुत कठिन है डगर पनघट की।

20:56, 15 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

बहुत कठिन है डगर पनघट की।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
मेरे अच्छे निज़ाम पिया।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
ज़रा बोलो निज़ाम पिया।
पनिया भरन को मैं जो गई थी।
दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी।
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
खुसरो निज़ाम के बल-बल जाइए।
लाज राखे मेरे घूँघट पट की।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की।