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"टुकदुम-टुकदुम आती चुहिया / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर
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21:06, 15 फ़रवरी 2010 का अवतरण
टुकदम-टुकदम आती चुहिया आंखें गोल नचाती चुहिया
क्षण-भर को जो आंख लगे तो करने लगती धींगा-मुस्तीह लगा चौकडी खाट के नीचे घर भर में कर जाती गश्ती.
पर जैसे ही आंख खुले तो दुलहन सी शर्माती चुहिया
टुकदम.....
 
	
	

