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"बंदिनी / ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना" के अवतरणों में अंतर
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− | बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे | + | बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे |
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− | पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना | + | पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना |
− | ओ जानेवाले... | + | ओ जानेवाले... |
− | है तेरा वहाँ कौन सभी लोग हैं पराए | + | है तेरा वहाँ कौन सभी लोग हैं पराए |
− | परदेस की गरदिश में कहीं तू भी खो ना जाए | + | परदेस की गरदिश में कहीं तू भी खो ना जाए |
− | काँटों भरी डगर है तू दामन बचाना | + | काँटों भरी डगर है तू दामन बचाना |
− | ओ जानेवाले... | + | ओ जानेवाले... |
− | दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए | + | दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए |
− | फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए | + | फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए |
− | है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना | + | है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना |
ओ जानेवाले... | ओ जानेवाले... | ||
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11:44, 21 फ़रवरी 2010 का अवतरण
रचनाकार: |
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल न जाना
बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे
ढूँढेंगे तुझे गली गली सब ये ग़म के मारे
पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना
ओ जानेवाले...
है तेरा वहाँ कौन सभी लोग हैं पराए
परदेस की गरदिश में कहीं तू भी खो ना जाए
काँटों भरी डगर है तू दामन बचाना
ओ जानेवाले...
दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए
फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए
है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना
ओ जानेवाले...