Changes

अनुराग / त्रिलोचन

89 bytes added, 23:41, 21 फ़रवरी 2010
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
अतिथि से सब का समभाव है;
 
जब उषा उतरी तब भूमि का
 
हुलसना, खिलना, किस से छिपा,
 पकड़ है जिसमें अनुराग है.</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits