भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(पृष्ठ से सम्पूर्ण विषयवस्तु हटा रहा है)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{KKGlobal}}
 
{{KKFilmSongCategories
 
|वर्ग= अन्य गीत
 
}}
 
{{KKFilmRachna
 
|रचनाकार=??
 
}}
 
<poem>
 
ऐ मेरे हमसफ़र
 
ले रोक अपनी नज़र
 
ना देख इस कदर
 
ये दिल है बड़ा बेसबर
 
  
चांद तारों से पूछ ले
 
या किनारो से पूछ ले
 
दिल के मारो से पूछ ले
 
क्या हो रहा है असर
 
 
ले रोक अपनी नज़र
 
ना देख इस कदर
 
ये दिल है बड़ा बेसबर
 
 
मुस्कुराती है चांदनी
 
छा जाती है ख़ामोशी
 
गुनगुनाती है ज़िंदगी
 
ऐसे में हो कैसे गुज़र
 
 
ले रोक अपनी नज़र
 
ना देख इस कदर
 
ये दिल है बड़ा बेसबर
 
</poem>
 

09:20, 22 फ़रवरी 2010 का अवतरण