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"काबुलीवाला / ऐ मेरे प्यारे वतन" के अवतरणों में अंतर

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ऐ मेरे प्यारे वतन
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ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
ऐ मेरे बिछड़े चमन
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तुझपे दिल कुर्बान, तू ही मेरी आरज़ू
तुझपे दिल कुर्बान
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तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान
तू ही मेरी आरज़ू
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तू ही मेरी आबरू
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तू ही मेरी जान
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माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
 
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
 
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
 
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
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जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू
उतना तड़पाता है तू
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तुझपे दिल कुर्बान...
तुझपे दिल कुर्बान
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तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
 
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
 
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम
 
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी
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सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
सबसे रंगीं तेरी शाम
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तुझपे दिल कुर्बान...
तुझपे दिल कुर्बान
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छोड़ कर तेरी गली को दूर आ पहुंचे हैं हम
 
छोड़ कर तेरी गली को दूर आ पहुंचे हैं हम
 
है मगर ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम
 
है मगर ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम
जिस जगह पैदा हुए थे
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जिस जगह पैदा हुए थे, उस जगह ही निकले दम
उस जगह ही निकले दम
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तुझपे दिल कुर्बान...
तुझपे दिल कुर्बान
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22:30, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

रचनाकार: गुलजार                 

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल कुर्बान, तू ही मेरी आरज़ू
तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान

माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल कुर्बान...

तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल कुर्बान...

छोड़ कर तेरी गली को दूर आ पहुंचे हैं हम
है मगर ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम
जिस जगह पैदा हुए थे, उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल कुर्बान...