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"जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में/ पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
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<poem>जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में | <poem>जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में | ||
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हाय तुझे इसकी खबर कब होगी | हाय तुझे इसकी खबर कब होगी | ||
बागे दे विच सपणी जे सुइए | बागे दे विच सपणी जे सुइए | ||
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ते कारदी ए मेनू मेनू | ते कारदी ए मेनू मेनू | ||
बच के निकलीं मेरेया माहिया | बच के निकलीं मेरेया माहिया | ||
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कि न लड़ जावे तैनू | कि न लड़ जावे तैनू | ||
लुट्टी हीर वे यरां दी | लुट्टी हीर वे यरां दी | ||
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हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी. | हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी. | ||
चलो सहियो चल वेखण चलिए | चलो सहियो चल वेखण चलिए | ||
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रांझे दा चौबारा | रांझे दा चौबारा | ||
हीर विचारी इट्टा ढोवे | हीर विचारी इट्टा ढोवे | ||
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ते राँझा ढोवे गारा | ते राँझा ढोवे गारा | ||
लुट्टी हीर वे यरां दी | लुट्टी हीर वे यरां दी | ||
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हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी. | हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी. | ||
चलो सहियो चल वेखण चलिए | चलो सहियो चल वेखण चलिए | ||
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रांझे पाई हट्टी | रांझे पाई हट्टी | ||
हीर निमाणी कम करेंदी | हीर निमाणी कम करेंदी | ||
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हाय न होवे खट्टी | हाय न होवे खट्टी | ||
14:21, 23 फ़रवरी 2010 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में
हाय तुझे इसकी खबर कब होगी
बागे दे विच सपणी जे सुइए
ते कारदी ए मेनू मेनू
बच के निकलीं मेरेया माहिया
कि न लड़ जावे तैनू
लुट्टी हीर वे यरां दी
हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी.
चलो सहियो चल वेखण चलिए
रांझे दा चौबारा
हीर विचारी इट्टा ढोवे
ते राँझा ढोवे गारा
लुट्टी हीर वे यरां दी
हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी.
चलो सहियो चल वेखण चलिए
रांझे पाई हट्टी
हीर निमाणी कम करेंदी
हाय न होवे खट्टी
लुट्टी हीर वे यरां दी
हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी.