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− | जिस की आँखों में कटी थी सदियाँ | + | जिस की आँखों में कटी थी सदियाँ |
− | उस ने सदियों की जुदाई दी है | + | उस ने सदियों की जुदाई दी है |
− | सिर्फ़ एक सफ़ाह पलट कर उस ने | + | सिर्फ़ एक सफ़ाह पलट कर उस ने |
− | बीती बातों की सफ़ाई दी है | + | बीती बातों की सफ़ाई दी है |
− | फिर वहीं लौट के जाना होगा | + | फिर वहीं लौट के जाना होगा |
− | यार ने कैसी रिहाई दी है | + | यार ने कैसी रिहाई दी है |
− | आग ने क्या क्या जलाया है | + | आग ने क्या क्या जलाया है शब भर |
− | कितनी ख़ुश-रंग दिखाई दी है < | + | कितनी ख़ुश-रंग दिखाई दी है |
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09:01, 24 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
एक परवाज़ दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
जिस की आँखों में कटी थी सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
सिर्फ़ एक सफ़ाह पलट कर उस ने
बीती बातों की सफ़ाई दी है
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है
आग ने क्या क्या जलाया है शब भर
कितनी ख़ुश-रंग दिखाई दी है