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"उन से नैन मिलाकर देखो / मुनीर नियाज़ी" के अवतरणों में अंतर
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03:21, 25 फ़रवरी 2010 का अवतरण
उन से नैन मिलाकर देखो|
ये धोखा भी खा कर देखो|
दूरी में क्या भेद<ref>राज़</ref> छिपा है,
इसकी खोज लगाकर देखो|
किसी अकेली शाम की चुप में,
गीत पुराने गाकर देखो|
आज की रात बहुत काली है,
सोच के दीप जला कर देखो|
जाग-जाग कर उम्र कटी है,
नींद के द्वार<ref>दरवाजा</ref> हिलाकर देखो|
शब्दार्थ
<references/>