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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
उन से नैन मिलाकर देखो,ये धोखा भी खा कर देखो
दूरी में क्या भेद<ref>राज़</ref> छिपा है,इसकी खोज लगाकर देखो
किसी अकेली शाम की चुप में, गीत पुराने गाकर देखो
आज की रात बहुत काली है, सोच के दीप जला कर देखो
जाग-जाग कर उम्र कटी है, नींद के द्वार<ref>दरवाजा</ref> हिलाकर देखो
</poem>
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