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"मैं और मेरा ख़ुदा / मुनीर नियाज़ी" के अवतरणों में अंतर

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<poem>लाखों शक्लों के मेले में तन्हा रहना मेरा काम|
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भेस बदल कर देखते रहना तेज़ हवाओं का कोहराम|
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लाखों शक्लों के मेले में तनहा रहना मेरा काम
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भेस बदल कर देखते रहना तेज़ हवाओं का कोहराम
  
एक तरफ़ आवाज़ का सूरज एक तरफ़ इक गून्गी शाम,
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एक तरफ़ आवाज़ का सूरज एक तरफ़ इक गूँगी शाम
एक तरफ़ जिस्मों की ख़ुश्बू एक तरफ़ इस का अन्जाम|
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एक तरफ़ जिस्मों की ख़ुश्बू एक तरफ़ इस का अन्जाम
  
बन गया क़ातिल मेरे लिये तो अपनी ही नज़रों का दाम,
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बन गया क़ातिल मेरे लिये तो अपनी ही नज़रों का दाम
सब से बड़ा है नाम ख़ुदा का उस के बाद है मेरा नाम|
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सब से बड़ा है नाम ख़ुदा का उस के बाद है मेरा नाम
 
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[शक्ल = चेहरा; तन्हा = अकेला; कोहरम = शोर शराबा]
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[अन्जाम = अंत; क़ातिल = मारने वाला; दाम = कीमत]
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10:05, 25 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

लाखों शक्लों के मेले में तनहा रहना मेरा काम
भेस बदल कर देखते रहना तेज़ हवाओं का कोहराम

एक तरफ़ आवाज़ का सूरज एक तरफ़ इक गूँगी शाम
एक तरफ़ जिस्मों की ख़ुश्बू एक तरफ़ इस का अन्जाम

बन गया क़ातिल मेरे लिये तो अपनी ही नज़रों का दाम
सब से बड़ा है नाम ख़ुदा का उस के बाद है मेरा नाम