भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दौड़ लगाता बच्चा /शांति सुमन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शांति सुमन |संग्रह = सूखती नहीं वह नदी / शांति सुम…)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:34, 27 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

मेमने की तरह उछलता
दौड़ लगाता है बच्चा
सड़क के किनारे-किनारे
बूढ़ा बाबा उसके पीछे-पीछे जाता है
अपने कन्धों को सहलाता
बुनी जा रही सड़कों पर-
बच्चे के पैरों की छोटी-छोटी छापें
बूढ़ा उन छापों को उठाता है
अपनी साँसों के सिरे पर
अपनी आँखों में भरता
और देखता है वह
फूटते हुए
रोशनी के अजस्र झरने
और भविष्य के अंधेरे
खुरचते हुए ।

5 जून, 1993