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"उठ पआ जी मेरे दरद कालजे / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

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02:43, 27 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

उठ पआ जी मेरे दरद कलेजे
पा दओ नी मेरे माहीए वल चिठ्ठीआं
जा पहुंची चिट्ठी विच नि कचहरी
पढ़ लई नी माही पट्टां उत्ते धर के
छुट गईआं नि हत्थों कलमां दवातां
झुल पई नी हनेरी चार चुफेरे
तुर पआ नी जानी शिखर दुपहरे
आ गिया नी माही विच तबेले
आ माही साडी नब्ज़ जो फड़ लई
दस गोरिये कित्थे दरद कलेजे
मिट गया जी मेरे दरद कलेजे