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"होठों पे सच्चाई रहती है / शैलेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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होठों पे सचाई रहती है जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
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हम उस देश के वासी हैं
 
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हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
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मेहमां जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है
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ज़्यादा की नहीं लालच हम को थोड़े में गुज़ारा होता है
 
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बच्चों के लिए जो धरती माँ
 
बच्चों के लिए जो धरती माँ
 
 
सदियों से सभी कुछ सहती है
 
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हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
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कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
 
कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
 
 
ये पूरब है, पूरब वाले हर जान की कीमत जानते हैं
 
ये पूरब है, पूरब वाले हर जान की कीमत जानते हैं
 
 
हिल-मिल के रहो और प्यार करो
 
हिल-मिल के रहो और प्यार करो
 
 
इक चीज़ यही तो रहती है
 
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हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
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जो जिस से मिला सीखा हम ने, ग़ैरों को भी अपनाया हमने
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मतलब के लिए अन्धे बनकर रोटी को नहीं पूजा हम ने
 
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अब हम तो क्या सारी दुनिया
 
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सारी दुनिया से कहती है
 
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हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
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10:35, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

होठों पे सच्चाई रहती है जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !

मेहमां जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हम को थोड़े में गुज़ारा होता है
बच्चों के लिए जो धरती माँ
सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है, पूरब वाले हर जान की कीमत जानते हैं
हिल-मिल के रहो और प्यार करो
इक चीज़ यही तो रहती है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !

जो जिस से मिला सीखा हम ने, ग़ैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिए अन्धे बनकर रोटी को नहीं पूजा हम ने
अब हम तो क्या सारी दुनिया
सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !