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"चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर

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चंदन सा बदन चंचल चितवन
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धीरे से तेरा ये मुस्काना
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मुझे दोष न देना जग वालों - (२)
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हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
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चंदन सा ...
  
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ये काम कमान भँवे तेरी
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पलकों के किनारे कजरारे
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माथे पर सिंदूरी सूरज
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होंठों पे दहकते अंगारे
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साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२)
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आबाद हो दिल का वीराना
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चंदन सा ...
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तन भी सुंदर मन भी सुंदर
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तू सुंदरता की मूरत है
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किसी और को शायद कम होगी
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मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
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पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२)
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तू और न मुझको तरसाना
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चंदन सा ...</poem>

22:12, 28 फ़रवरी 2010 का अवतरण

चंदन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जग वालों - (२)
हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
चंदन सा ...

ये काम कमान भँवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२)
आबाद हो दिल का वीराना
चंदन सा ...

तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२)
तू और न मुझको तरसाना
चंदन सा ...