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"कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर

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काली घटा छाई, हो राजा! काली घटा छाई।
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कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे, तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
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तब तुम मेरे पास आना प्रिये, मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा
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तुम्हारे लिये, कोई जब ...
  
शीशे की पालकी में तेरी लाल परी आई।।
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अभी तुमको मेरी ज़रूरत नहीं, बहुत चाहने वाले मिल जाएंगे
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अभी रूप का एक सागर हो तुम, कंवल जितने चाहोगी खिल जाएंगे
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दर्पण तुम्हें जब डराने लगे, जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
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तब तुम मेरे पास आना प्रिये, मेरा सर झुका है झुका ही रहेगा
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तुम्हारे लिये, कोई जब ...
  
:दो दिन की ज़िन्दगानी है जी भर के पिए जा
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कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया
 
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नज़र में सितारे जो चमके ज़रा, बुझाने लगीं आरती का दिया
:तौबा के साथ-साथ इसे ख़त्म किए जा।।
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जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो, अंधेरों में अपने ही घिरने लगो
 
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तब तुम मेरे पास आना प्रिये, ये दीपक जला है जला ही रहेगा
:मैं भर के जाम लाई, हो राजा! काली घटा छाई।।
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तुम्हारे लिये, कोई जब ...
 
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::अब आके चला जाएगा रिमझिम का ज़माना।
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::हो जाए कहीं ख़त्म साँसों का ख़जाना।।
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::है ज़िन्दगी हरजाई, हो राजा! काली घटा छाई।।
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07:47, 1 मार्च 2010 का अवतरण

कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे, तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये, मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा
तुम्हारे लिये, कोई जब ...

अभी तुमको मेरी ज़रूरत नहीं, बहुत चाहने वाले मिल जाएंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम, कंवल जितने चाहोगी खिल जाएंगे
दर्पण तुम्हें जब डराने लगे, जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये, मेरा सर झुका है झुका ही रहेगा
तुम्हारे लिये, कोई जब ...

कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया
नज़र में सितारे जो चमके ज़रा, बुझाने लगीं आरती का दिया
जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो, अंधेरों में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये, ये दीपक जला है जला ही रहेगा
तुम्हारे लिये, कोई जब ...