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"जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर

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बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।
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जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे
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तुम दिन को अगर रात कहो, रात कगेंगे
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ऎ देश के सपूतो! मज़दूर और किसानो!!
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चाहेंगे, निभाएंगे, सराहेंगे आप ही को
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आँखों में दम है जब तक, देखेंगे आप ही को
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अपनी ज़ुबान से आपके जज़्बात कहेंगे
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तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
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जो तुमको हो पसंद ...
  
 
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देते न आप साथ तो मर जाते हम कभी के
है रास्ता भी रौशन और सामने है मंज़िल।
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पूरे हुए हैं आप से, अरमान ज़िंदगी के
 
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हम ज़िंदगी को आपकी सौगात कहेंगे
हिम्मत से काम लो तुम आसान होगी मुश्किल।।
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तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
 
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जो तुमको हो पसंद ...
कर के उसे दिखा दो, जो अपने दिल में ठानो।
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बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।
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भूखे महाजनों ने, ले रखे हैं इजारे!
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जिनके सितम से लाखों फिरते हैं मारे-मारे।।
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हैं देश के ये दुश्मन! इनको न दोस्त जानो।
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बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो।।
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08:03, 1 मार्च 2010 का अवतरण

जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कगेंगे
जो तुमको ...

चाहेंगे, निभाएंगे, सराहेंगे आप ही को
आँखों में दम है जब तक, देखेंगे आप ही को
अपनी ज़ुबान से आपके जज़्बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
जो तुमको हो पसंद ...

देते न आप साथ तो मर जाते हम कभी के
पूरे हुए हैं आप से, अरमान ज़िंदगी के
हम ज़िंदगी को आपकी सौगात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
जो तुमको हो पसंद ...