भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) |
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) छो () |
(कोई अंतर नहीं)
|
08:04, 1 मार्च 2010 के समय का अवतरण
जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कगेंगे
जो तुमको ...
चाहेंगे, निभाएंगे, सराहेंगे आप ही को
आँखों में दम है जब तक, देखेंगे आप ही को
अपनी ज़ुबान से आपके जज़्बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
जो तुमको हो पसंद ...
देते न आप साथ तो मर जाते हम कभी के
पूरे हुए हैं आप से, अरमान ज़िंदगी के
हम ज़िंदगी को आपकी सौगात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
जो तुमको हो पसंद ...