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"हम छोड़ चले हैं महफ़िल को / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर

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(New page: मैं पंछी आज़ाद मेरा कहीं दूर ठिकाना रे। इस दुनिया के बाग़ में मेरा आना-ज...)
 
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मैं पंछी आज़ाद मेरा कहीं दूर ठिकाना रे।
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हम छोड़ चले हैं महफ़िल को
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याद आए कभी तो मत रोना
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इस दिल को तसल्ली दे देना
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घबराए कभी तो मत रोना
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हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
  
इस दुनिया के बाग़ में मेरा आना-जाना रे।।
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एक ख़्वाब सा देखा था हमने
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जब आँख खुली वो टूट गया
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ये प्यार अगर सपना बनकर
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तड़पाये कभी तो मत रोना
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हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
  
:जीवन के प्रभात में आऊँ, साँझ भये तो मैं उड़ जाऊँ।
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तुम मेरे ख़यालों में खोकर
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बरबाद न करना जीवन को
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जब कोई सहेली बात तुम्हें
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समझाये कभी तो मत रोना
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हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
  
:बंधन में जो मुझ को बांधे, वो दीवाना रे।। मैं पंछी...
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जीवन के सफ़र में तनहाई
 
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मुझको तो न ज़िन्दा छोड़ेगी
::दिल में किसी की याद जब आए, आँखों में मस्ती लहराए।
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मरने की खबर ऐ जान-ए-जिगर
 
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मिल जाए कभी तो मत रोना
::जनम-जनम का मेरा किसी से प्यार पुराना रे।। मैं पंछी...
+
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
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08:10, 1 मार्च 2010 का अवतरण

हम छोड़ चले हैं महफ़िल को
याद आए कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे देना
घबराए कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...

एक ख़्वाब सा देखा था हमने
जब आँख खुली वो टूट गया
ये प्यार अगर सपना बनकर
तड़पाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...

तुम मेरे ख़यालों में खोकर
बरबाद न करना जीवन को
जब कोई सहेली बात तुम्हें
समझाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...

जीवन के सफ़र में तनहाई
मुझको तो न ज़िन्दा छोड़ेगी
मरने की खबर ऐ जान-ए-जिगर
मिल जाए कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...