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"हम छोड़ चले हैं महफ़िल को / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर
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Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) छो (मैं पंछी आज़ाद / तदबीर का नाम बदलकर हम छोड़ चले हैं महफ़िल को / इंदीवर कर दिया गया है) |
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08:10, 1 मार्च 2010 के समय का अवतरण
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को
याद आए कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे देना
घबराए कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
एक ख़्वाब सा देखा था हमने
जब आँख खुली वो टूट गया
ये प्यार अगर सपना बनकर
तड़पाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
तुम मेरे ख़यालों में खोकर
बरबाद न करना जीवन को
जब कोई सहेली बात तुम्हें
समझाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...
जीवन के सफ़र में तनहाई
मुझको तो न ज़िन्दा छोड़ेगी
मरने की खबर ऐ जान-ए-जिगर
मिल जाए कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...