भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ऐ मेरे दिल कहीं और चल / दाग़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(ऐ मेरे दिल कहीं और चल / दाग़ का नाम बदलकर मन भावन के घर जाए गोरी / शैलेन्द्र कर दिया गया है)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:50, 1 मार्च 2010 के समय का अवतरण