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"बुझ गये ग़म की हवा से / दाग़" के अवतरणों में अंतर

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(बुझ गये ग़म की हवा से / दाग़ का नाम बदलकर मेरा नाम राजू घराना अनाम / शैलेन्द्र कर दिया गया है)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:55, 1 मार्च 2010 के समय का अवतरण