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"हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें / शैलेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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11:27, 1 मार्च 2010 के समय का अवतरण
हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें
हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी
आँसू भी छलकते आते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत...
पहलू में पराये दर्द बसाके
हँसना हँसाना सीख ज़रा
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे
हम प्यार के दीप जलाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...
काँटों में खिले हैं फूल हमारे
रंग भरे अरमानों के
नादान हैं जो इन काँटों से
दामन को बचाये जाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...
जब ग़म का अन्धेरा घिर आये
समझो के सवेरा दूर नहीं
हर रात की है सौगात यही
तारे भी यही दोहराते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...