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"जैसे आग / नीलेश रघुवंशी" के अवतरणों में अंतर
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कभी चांद | कभी चांद | ||
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कभी धरती | कभी धरती | ||
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पानी में नहीं बंधती जैसे आग। | पानी में नहीं बंधती जैसे आग। | ||
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13:03, 3 मार्च 2010 के समय का अवतरण
तुम कभी सूरज हो
कभी चांद
कभी धरती
कभी आकाश
बांधना मुश्किल है तुम्हें शब्दों में
पानी में नहीं बंधती जैसे आग।