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"न होगा यक बयाबां मांदगी से ज़ौक़ कम मेरा / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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22:45, 3 मार्च 2010 का अवतरण
न होगा यक बयाबां मांदगी<ref>बहुत अधिक थक जाना</ref> से ज़ौक़ कम मेरा
हुबाब-ए-मौजा-ए-रफ़्तार<ref>गतिमान तरंग पर बना बुलबुला</ref> है नक़्श-ए-क़दम<ref>पह-चिन्ह</ref> मेरा
मुहब्बत थी चमन से लेकिन अब ये बेदिमाग़ी है
कि मौजे-बूए-गुल<ref>फूल की सुगंध की लहर</ref> से नाक में आता है दम मेरा
शब्दार्थ
<references/>